अबोहर। फायर सुरक्षा दिवस यानी 14 अप्रैल उन फायरकर्मियों को समर्पित है जो अपनी जान पर खेलकर आग में फंसे लोगों की जान बचाने पहुंच जाते हैं। समाज के ये महत्वपूर्ण लोग जो अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की जिंदगी बचाने में लगे रहते हैं लेकिन ये आज भी उस मान सम्मान को तरस रहे हैं जो उन्हें मिलना चाहिए। एक कॉल आते ही फायर कर्मियों की फर्ती देखने वाली होती है। सभी तैयार बर तैयार होकर निकल पड़ते हैं किसी की मदद। 24 घंटे अलर्ट रहने का जुनून.. जी हां हम बात कर रहे हैं भयानक आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे फायर ब्रिगेड कर्मियों की, जो जोखिम भरी परिस्थितियों में आग से खेलते हैं। कई बार हमारे कानों में फायर ब्रिगेड की गाड़ी का सायरन पड़ा होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गाड़ी में बैठे फायर फाइटर के दिल पर क्या गुजर रही होगी। नहीं ना… हमारे लिए यह जानना कठिन है, क्योंकि जो काम करता है, उसे ही पता होता है कि उसे क्या करना है और उस पर क्या बीतने वाली है।
जानकारी देते हुए अबोहर फायर ब्रिगेड के Fire Officer बीरेंद्र कुमार ने बताया कि भारत के इतिहास में 14 अप्रैल 1944 को हुई भयानक अग्निकांड की घटना को मुंबई बंदरगाह विस्फोट के नाम से जाना जाता है। यह आग विक्टोरिया हार्बर पर खड़े फोर्ट स्ट्राइकिन नाम के जहाज पर लगी है। वह जहाज भारी मात्रा में रूई और विस्फोटक सामग्री से भरा हुआ था। इस हादसे में 700 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए और 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति नष्ट हो गई और 60 से अधिक अग्निशामकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इस घटना के बाद भी कई घटनाएं घटीं. इसमें गिफ्ट सिनेमा, डबवाली कांड श्मशान बन गया, meerut city का उपभोक्ता मेला। डबवाली कांड को तो आज भी लोग नहीं भूले हैं जब DAV School के वार्षिक समारोह में पूरा पंडाल आग की भेंट चढ़ गया था। ऐसा ही एक हादसा केरल के पुत्तिंगल मंदिर में हुआ था। इस आगजनी में 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। करोड़ों की संपत्ति राख हो गयी। प्रशासन और सरकार भयंकर घटना घटित होने पर जागते हैं। यह एक आदमी के बस की बात नहीं है, हम सभी को मिलकर अपने रोजमर्रा के जीवन में अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन करने की प्रतिज्ञा करनी होगी और खुद को इस भयानक दुर्घटना से बचाना होगा। भारत सरकार दिल्ली अग्निशमन सेवा ने उन अग्निशामकों की याद में 14 अप्रैल को अग्नि सुरक्षा दिवस मनाने की घोषणा की है। जिसे बाद में 14 से 20 अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह मनाने की शुरुआत हुई। सुरक्षा दिवस पर हम अपने दूसरों की सुरक्षा का ख्याल रखने की प्रतिज्ञा करते हैं। हम दूसरों को अग्नि सुरक्षा के बारे में शिक्षित करेंगे। ताकि केरल के पुत्तिंगल मंदिर जैसी भयानक घटना वर्तमान में कभी न हो।
Abohar शहर में निकाला गया मार्च
आज इस दिवस के उपलक्ष्य में शहर में फायर कर्मियों की ओर से मार्च निकाला गया और लोगों को अग्नि सुरक्षा को लेकर सतर्क किया गया। फायर सेफ्टी सप्ताह मनाते हुए लोगों को बताया गया कि फायर कर्मी किन परिस्थितियों में काम करते हैं और अपनी जान जोखिम में डाल कर दूसरों की जान बचाते हैं।